नई दिल्ली: देश और दुनिया आजकल पूरी तरह से कोरोना की चपेट में नजर आ रही है. ऐसे में सबसे अधिक जरूरी इसका निदान और दवा खोज लेना है. अमेरिका की एक कंपनी ने दावा किया है कि उसने एक डिवाइस विकसित किया है. कई दवा कंपनियां और रिसर्च सेंटर इसकी खोज में लगे हुए हैं लेकिन तब तक कोरोना का खतरा दुनिया पर बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि दुनिया के कई देश अभी भी इसके कहर से बचे हुए हैं लेकिन ज्यादातर बड़े और विकसित देश पूरी तरह से इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं.
पूरी दुनिया को कोरोना वायरस के कोहराम से कैसे बचाया जाए इस समस्या और कोई बात दुनिया को सूझ नहीं रही. कई देशों में लॉकडाउन हो चुका है. लेकिन अभी भी कोरोना वायरस की जांच और टेस्ट को लेकर यह दावे किए जा रहे हैं कि इसमें तेजी आनी चाहिए. इसी बीच अमेरिका की एक कंपनी ने दावा किया है कि उसने एक डिवाइस विकसित किया, जिससे कोरोना का टेस्ट सिर्फ पांच मिनट में हो जाएगा. यानी यह पता चल जाएगा कि शख्स कोरोना से संक्रमित है या नहीं.
पांच मिनट में चलेगा पता
दरअसल फोर्ब्स डॉट कॉम वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के खाद्य और औषधि विभाग प्रषासन ने इसको मंजूरी दी है. मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनी एबॉट लेबोरेटरीज ने कोरोना वायरस की जांच के लिए एक पोर्टेबल टेस्ट का प्रदर्शन किया है. इस कंपनी ने अपने ट्वीट में कहा है कि वह परीक्षण कर रहा है जो कोविड-19 की जांच कर सकता है. यह परीक्षण 5 मिनट से भी तेजी से होगा. जिस डिवाइस को टेस्ट किया जा रहा है यह छोटा और हल्का या पोर्टेबल होगा. यह मॉली क्यूलर तकनीक पर काम करता है. जाहिर है इस ऐलान के बाद अमेरिका सहित दुनिया के तमाम जानकारों में हलचल मच गई और चर्चा होने लगी कि क्या ऐसा संभव है. बाद में अमेरिकी विभाग के अप्रूव कर देने के बाद इसे सच माना जा सकता है.
इसके बाद एबॉट ने प्रेस विज्ञप्ति कर दावा किया है कि अमेरिकी खाद्य और औषधि प्राधिकरण ने कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए मॉलीक्यूलर प्वाइंट ऑफ़ पॉजिटिव केयर टेस्ट के लिए आपातकालीन उपयोग को मंजूरी प्रदान कर दी गई है. और यह किट 5 मिनट में पॉजिटिवऔर 13 मिनट में निगेटिव रिजल्ट दे सकता है.
BREAKING: We’re launching a test that can detect COVID-19 in as little as 5 minutes—bringing rapid testing to the frontlines. https://t.co/LqnRpPpqMM pic.twitter.com/W8jyN2az8G
— Abbott (@AbbottNews) March 27, 2020
अगर एबॉट का यह दावा सच माना जाए तो कोरोना वायरस से कराह रही दुनिया को एक हल्की सी उम्मीद जगेगी और जल्द से जल्द पता लगाने में विभिन्न देषों को सहूलियत होगी. दरअसल अभी तक सबसे बड़ी समस्या कोरोना पर यह है कि ज्यादातर मरीजों को पता ही नहीं होता कि कोरोना संक्रमित है या नहीं. दूसरे भारत जैसे देष में भी इसकी जांच का दायरा अभी तक सीमित ही है. अगर यह किट वाकई पांच मिनट में रिजल्ट बता सकती है तो जल्द से जल्द ऐसे लोगों का पता लगाकर उन्हें आइसोलेशन में भेजा जा सकता है.
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